श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की सत्ताधारी
नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार की मुश्किलें रोज ब रोज बढ़ती जा रही हैं। क्रिकेट
घोटाले में केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम आने के बाद अब अरबों
रुपये का जमीन घोटाला सामने आ रहा है। आरोप है कि अफसरों, नेताओं और जमीन
माफिया की साठगांठ से कश्मीर के कई मंदिरों की सैकड़ों एकड़ जमीन फर्जी
तरीके से बेच दी गई है।
डोगरा
राजघराने की एक निशानी है श्रीनगर का महावीर जी मंदिर। इस मंदिर के ट्रस्ट
के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन है और जब देश भर में जमीन के दाम आसमान छू
रहे हैं तो नोट कमाने वालों ने मंदिर को भी नहीं बख्शा।
आईबीएन7 के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि इस मंदिर की जमीन को जम्मू के
एक बड़े व्यापारी ने बेच दिया है। डोगरा राज में बने इस मंदिर समेत राज्य
भर में फैले कई मंदिरों की रखवाली सनातन धर्म प्रताप सभा ट्रस्ट कर रहा है।
ये बिजनेसमैन इस ट्रस्ट का अध्यक्ष होने का दावा करता है। दस्तावेज बताते
हैं कि इन लोगों ने खुद ही पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की। इसके बाद रेवेन्यू के
अफसरों के साथ साठगांठ करके राज्य के कई मंदिरों की बेशकीमती जमीन और
संपत्ति को अवैध तरीके से बेच दिया। आरोप है कि पूरे कश्मीर में अब तक
मंदिरों की साढ़े आठ हजार करोड़ की संपत्ति अवैध तरीके से बेची जा चुकी है।
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति को अब इस मामले
में अदालत से इंसाफ की उम्मीद है क्योंकि सरकार ने अभी तक इस दिशा में कुछ
भी खास नहीं किया है। 90 के दशक में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित घाटी
छोड़ कर चले गए थे। इसके बाद दस हजार करोड़ की संपत्ति वाले कश्मीरी
मंदिरों के ट्रस्ट की कमान कुछ पुजारियों और व्यापारियों के हाथों में सिमट
गई थी।
जांच
में पता चला है कि तकरीबन 20 सालों से इस ट्रस्ट की गवर्निंग बॉडी का कोई
चुनाव भी नहीं हुआ है। जाहिर है घोटालेबाजों को हर फर्जीवाड़े की पूरी छूट
मिली। अब कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर ने सभी जिला कमिश्नरों को इस घोटाले की
जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के मुखिया भी भरोसा दे रहे हैं कि कश्मीरी
पंडितों के साथ इंसाफ होगा।