दिनांक 6.12.2011 को मंदिर में 20.४५ बजे मुस्लिम पृष्ठभूमि के गुंडों के एक समूह द्वारा हमला किया गया था! ये सभी लोग बेसबॉल बैट और अन्य हथियारों से लैस थे ! ये लोग आवासीय मंदिर निर्माण के खिलाफ पहले पत्थर फेंक रहे थे, जिससे पहले तो आश्रम की खिड़की टूटी हुई ! मंदिर अध्यक्ष ने पुलिस को तुरन्त बुलाया! एक पुलिस अधिकारी ने पहले कुछ लोगों को पकड़ लिया फिर नोटिस देकर छोड़ दिया ! परिणामस्वरूप आधे
घंटे बाद हमलावरों का एक बड़ा समूह फिर पत्थर फेंकने,
उद्यान में प्रवेश, तुलसी कमरे में घुसने की कोशिश की तथा प्रत्यक्ष शारीरिक संघर्ष की मांग की ! क्योंकि मंदिर के करीबी एक मुस्लिम
स्कूल भी है, यह बहुत संभव है कि इन दो घटनाओं से संबंधित
हैं ! खिड़की से देखने पर उनमें से ज्यादातर 18 साल की उम्र के नवयुवक थे !
इस घटना में डेनमार्क की पुलिस भी उदासीन है, शायद इसलिए मंदिर के देखभाल करने बालों का कहना है की - "हमें
पुलिस से कोई सुरक्षा की उम्मीद नहीं है और हम तो एक बार फिर पूरी तरह से
श्री श्री भगवान न्र्सिम्हादेवा और श्री कृष्ण की दया पर ही निर्भर है !
अब इन घटनाओं को देककर सेकुलर लोग क्यों आँखे फिर लेते है ! अब हिन्दुओं को
भी जानना चयिएँ की उनका कोई हितेषी नहीं ! अपने सम्मान की रक्षा उन्हें
खुद ही करनी पड़ेगी !