Friday, February 3, 2012

जम्मू-कश्मीर राज्य : एक परिचय


तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत का विलय 26 अक्तूबर 1947 को भारतीय संघ में हुआ था। वह आज के भारत द्वारा शासित जम्मू-कश्मीर राज्य से कहीं अधिक विशाल था। इसके निम्न हिस्से हैं-

जम्मू - इसका क्षेत्रफल कुल 36,315 वर्ग कि.मी. है जिसमें से आज हमारे पास लगभग 26 हजार वर्ग कि.मी. है। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से युक्त पीर पंजाल पर्वत के दक्षिण में इस क्षेत्र में तवी और चेनाब जैसी बारहमासी नदियां बहती हैं। यहां की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 67 प्रतिशत हिन्दू हैं। मुख्य भाषा डोगरी व पहाड़ी है।

कश्मीर- लगभग 22 हजार वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल, जिसमें से लगभग 16 हजार वर्ग कि.मी. ही हमारे पास है। वर्तमान में अधिकांश जनसंख्या मुस्लिम है, लगभग 4 लाख हिन्दू वर्तमान में कश्मीर घाटी से विस्थापित हैं। जेहलम और किशनगंगा नदियों में जाने वाली जलधाराओं से बना यह क्षेत्र दो घाटियों जेहलम घाटी एवं लोलाब घाटी से मिलकर बना है। मुख्यत: कश्मीरी भाषा बोली जाती है, परन्तु एक तिहाई लोग पंजाबी-पहाड़ी बोलते हैं।

लद्दाख- कुल 1,01,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्र, जिसमें से लगभग 59 हजार वर्ग कि.मी. भारत के अधिकार में है। प्रकृति की अनमोल धरोहर के साथ ही बड़ी संख्या में बौद्ध मठ यहां हैं जहां दुनिया के कोलाहल से दूर शांति का अनुभव किया जा सकता है।

गॉडविन आस्टिन (K 28611 मीटर) और गाशरब्रूम I (8068 मीटर) सर्वाधिक ऊँची चोटियाँ हैं। यहाँ की जलवायु अत्यंत शुष्क एवं कठोर है। वार्षिक वृष्टि 3.2 इंच तथा वार्षिक औसत ताप 5 डिग्री सें. है। नदियाँ दिन में कुछ ही समय प्रवाहित हो पाती हैं, शेष समय में जमी रहती है। सिंधु मुख्य नदी है। उत्तर में कराकोरम पर्वत तथा दर्रा है। कारगिल में 9000 फुट से लेकर कराकोरम में 25000 फुट ऊंचाई तक की पर्वत श्रंखलायें है।

01 जुलाई 1979 को लद्दाख का विभाजन कर लेह और करगिल; दो जिलों का गठन किया गया। पश्चिम बंगाल के गोरखालैंड की तर्ज पर दोनों जिलों का संचालन ‘स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद’ द्वारा किया जाता है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार, लद्दाख की कुल जनसंख्या 236539 और क्षेत्रफल 59146 वर्ग कि.मी. है। यह भारत के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है।

राज्य में लोकसभा की 6 और विधानसभा की 87 सीटें हैं जिसमें लद्दाख में लोकसभा की एक और विधानसभा की 4 सीटें हैं। करगिल और लेह जिले में विधानसभा की दो-दो सीटें है; जिनके नाम क्रमशः जांस्कर व कारगिल और नोब्रा व लेह है। दोनों जिले करगिल और लेह लद्दाख लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 65 लाख से ज्यादा है; जिसमें करीब 1,52,339 मतदाता लद्दाख में हैं।

करगिल के मुसलमान पक्के देशभक्त माने जाते हैं और 1999 में पाकिस्तान द्वारा कारगिल घुसपैठ के दौरान उन्होंने भारतीय सेना का खुलकर साथ दिया था। लद्दाख को चीन पश्चिम तिब्बत कहता है और सिन्धु नदी तक अपनी सीमा को बढ़ाना चाहता है। 1950 से ही इस क्षेत्र पर उसकी नजर है। लेह, जंस्कार, चांगथांग, नुब्रा, यह चार घाटियां बौध्दबहुल व सुरू घाटी पूर्णतया मुस्लिमबहुल है।

गिलगित-वाल्टिस्तान- जम्मू-कश्मीर के इस क्षेत्र को पाकिस्तान ने विधिवत अपना प्रांत घोषित कर उसका सीधा शासन अपने हाथ में ले लिया है। यह लगभग 63 हजार वर्ग किमी. विस्तृत भू-भाग है जिसमें गिलगित लगभग 42 हजार वर्ग किमी. और वाल्टिस्तान लगभग 21 हजार वर्ग किमी. है। गिलगित का सामरिक महत्व है। यह वह क्षेत्र है जहां 6 देशों की सीमाएं मिलती हैं- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, चीन, तिब्बत एवं भारत। यह मध्य एशिया को दक्षिण एशिया से जोड़ने वाला दुर्गम क्षेत्र है जो सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा जिसके द्वारा पूरे एशिया में प्रभुत्व रखा जा सकता है।

अमेरिका भी पहले गिलगित पर अपना प्रभाव रखना चाहता था और एक समय चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकने के लिये सोवियत रूस की भी ऐसी ही इच्छा थी, इसलिये 60 के दशक में रूस ने पाकिस्तान का समय-समय पर समर्थन कर गिलगित को अपने प्रभाव क्षेत्र में लाने का प्रयास किया था। वर्तमान में गिलगित में चीन के 11000 सैनिक तैनात हैं। पिछले वर्षों में इस क्षेत्र में चीन ने लगभग 65 हजार करोड़ रूपये का निवेश किया व आज अनेक चीनी कम्पनियां व कर्मचारी वहां पर काम कर रहे हैं।

1935 में जब सोवियत रूस ने तजाकिस्तान को रौंद दिया तो अंग्रेजों ने गिलगित के महत्व को समझते हुये महाराजा हरिसिंह से समझौता कर वहां की सुरक्षा व प्रशासन की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के लिये 60 वर्ष के लिये इसे पट्टे पर ले लिया। 1947 में इस क्षेत्र को उन्होंने महाराजा को वापिस कर दिया। इसकी सुरक्षा के लिये अंग्रेजों ने एक अनियमित सैनिक बल गिलगित स्काउट का भी गठन किया।

पाकिस्तान के कब्जे में जम्मू-कश्मीर- लगभग 10 हजार वर्ग किमी. जम्मू क्षेत्र एवं 6 हजार वर्ग किमी. कश्मीर क्षेत्र पाकिस्तान के अनधिकृत कब्जे में है। प्रमुख रूप से यहा पंजाबी एवं पहाड़ी भाषी जनसंख्या है। आज यह क्षेत्र पूर्णतया मुस्लिम हो चुका है परन्तु 1947 में यहां से विस्थापित हुए लगभग दस लाख हिन्दू शरणार्थी जम्मू-कश्मीर एवं भारत के अन्य भागों में रहते हैं।

चीन अधिगृहीत जम्मू-कश्मीर- लद्दाख के लगभग 36,500 वर्ग किमी. पर 1962 में चीन ने आक्रमण कर अवैध कब्जा कर लिया। बाद में पाकिस्तान ने 5500 वर्ग किमी. जमीन चीन को भेंटस्वरूप दे दी।
(जम्मू-कश्मीर : तथ्य, समस्याएं एवं समाधान पुस्तक से साभार)