Wednesday, January 25, 2012

इंडोनेशिया के हिन्दू इतिहास में जुड़ा नया अध्याय


पूवी ईशांत देश इंडोनेशिया आज एक ईस्लामिक देश है और यहाँ मुस्लिम जनसंख्या सर्वाधिक है, परंतु इस देश का इतिहास भी हिन्दू धर्म की गौरवगाथा का प्रमाण पेश करता है. और अब खुदाई के दौरान दिखे एक अति प्राचीन मंदिर के अवशेष इस देश के हिन्दू इतिहास में कई नए तथ्य जोड़ सकता है.

इंडोनेशिया के योगकर्ता शहर के ईस्लामिक विश्वविद्यालय में नए पुस्तकालय की नीवं डालने के लिए खुदाई शुरू की गई तो पता चला कि वहाँ की जमीन स्थिर नहीं है. मजदूरों ने सावधानीपूर्वक और अधिक खुदाई की तो एक प्राचीन मंदिर की दिवारें दिखाई दी. इसके बाद तेज वर्षा की वजह से मंदिर की पृष्ठभूमि और गर्भगृह दिखाई दिया जहाँ भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित थी.

इसके बाद इस स्थान का कब्जा इंडोनेशिया के पुरातत्व विभाग ने ले लिया. कुछ सप्ताह की खुदाई के बाद पता चला है कि यह मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना है. अब पुरातत्व विभाग ने इसे अमूल्य धरोहर घोषित कर दिया है. पुरातत्व विभाग का मानना है कि यह मंदिर इंडोनेशिया में ईस्लाम के प्रवेश से पहले की संस्कृति के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर सकता है.

क्यों है यह मंदिर महत्वपूर्ण?

अभी तक इंडोनेशिया में खुदाई के दौरान कोई साबुत मंदिर नहीं मिला था. लेकिन यह पहला मंदिर है जो अपनी वास्तविक स्थिति में है. पुरातत्व विभाग के डॉ. बुद्धि सानकोयो के अनुसार यह एक महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि यह मंदिर अभी भी अपनी मूल स्थिति में है और सभी मूर्तियाँ भी अपने मूल स्थान पर है.

अब इस स्थान पर गणेश की मूर्ति के अलावा शिवलिंग, नंदी गाय और कई अन्य मूर्तियाँ भी मिली है.

डॉ. बुद्धि का मानना है कि 10वीं सदी में किसी ज्वालामुखी के फटने से यह मंदिर उसके लावा में दब गया होगा और उसी लावा की वजह से इतने वर्षों के बाद भी सुरक्षित रह पाया होगा.

अभी इस मंदिर की खुदाई और सरंक्षण का कार्य चल रहा है और बाद में इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा.

इंडोनेशिया के इतिहास में हिन्दू:

इंडोनेशिया द्वीपसमूह सातवीं शताब्दी से एक महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र रहा है. यहाँ के शासक पश्चिमी देशों के साथ व्यापार व्यवहार करते थे. सातवीं से दसवीं शताब्दी के बीच वे हिन्दू और बोद्ध धर्म के सम्पर्क में आए. श्रीविजय राजशाही ने चीन और भारत के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित किए थे. धीरे-धीरे भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक असर इंडोनेशिया पर छाने लगा और कालांतर में हिंदू और बौद्ध राज्यों का उत्कर्ष हुआ.

13वीं शताब्दी में अरब के मुस्लिम व्यापारी यहाँ आए और इसके साथ ही ईस्लाम का भी आगमन हुआ. आज यहाँ मुस्लिम आबादी बहुमत में है.


साभार - तरकश