Friday, April 27, 2012

दरगाह अजमेर शरीफ और हिन्दुओं की अज्ञानता

 डॉ विवेक आर्य
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी की भारत यात्रा का नया शगूफा अजमेर की यात्रा और ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह पर जाकर मन्नत मांगना. इस यात्रा के दो मुख्य पहलु हैं एक राजनैतिक जो इस लेख का विषय नहीं हैं दूसरा धार्मिक जिसमें विशेष रूप से अजमेर की यात्रा हैं. यह ख्वाजा मुइनुद्दीन चिस्ती जिन्हें गरीब नवाज़ भी कहा जाता हैं कौन थे? यह इतने प्रसिद्ध कैसे हो गए? क्या उनकी दरगाह पर जाकर मन्नत मांगने से हिंदुयों का भला होता हैं? क्या उनकी दरगाह पर मन्नत मांगने वालो की सभी मन्नते पूरी होती हैं?
कहाँ से आये थे? इन्होने हिंदुस्तान में क्या किया और इनकी कब्र पर चादर चदाने से हमे सफलता कैसे प्राप्त होती हैं? गरीब नवाज़ का जन्म ११४१ में अफगानिस्तान में हुआ था .गरीब नवाज़ भारत में लूटपाट करने वाले , हिन्दू मंदिरों का विध्वंश करने वाले ,भारत के अंतिम हिन्दू राजा पृथ्वी राज चौहान को हराने वाले व जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करने वाले मुहम्मद गौरी के साथ भारत में शांति का पैगाम? लेकर आये थे.पहले वे दिल्ली के पास आकर रुके फिर अजमेर जाते हुए उन्होंने करीब ७०० हिन्दुओ को इस्लाम में दीक्षित किया(Ref- page 117 vol. 1 a history of Sufism in India –Saiyid Athar Abbas Rizvi). अजमेर में वे जिस स्थान पर रुके उस स्थान पर तत्कालीन हिन्दू राजा पृथ्वी राज चौहान का राज्य था. ख्वाजा के बारे में चमत्कारों की अनेको कहानियां प्रसिद्ध हैं की जब राजा पृथ्वी राज के सैनिको ने ख्वाजा के वहां पर रुकने का विरोध किया क्योंकि वह स्थान राज्य सेना के ऊँटो को रखने का था तो पहले तो ख्वाजा ने मना कर दिया फिर क्रोधित होकर शाप दे दिया की जाओ तुम्हारा कोई भी ऊंट वापिस उठ नहीं सकेगा. जब राजा के कर्मचारियों नें देखा की वास्तव में ऊंट उठ नहीं पा रहे हैं तो वे ख्वाजा से माफ़ी मांगने आये और फिर कहीं जाकर ख्वाजा ने ऊँटो को दुरुस्त कर दिया. दूसरी कहानी अजमेर स्थित आनासागर झील की हैं. ख्वाजा अपने खादिमो के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने एक गाय को मारकर उसका कबाब बनाकर खाया.कुछ खादिम पनसिला झील पर चले गए कुछ आनासागर झील पर ही रह गए .उस समय दोनों झीलों के किनारे करीब १००० हिन्दू मंदिर थे, हिन्दू ब्राह्मणों ने मुसलमानों के वहां पर आने का विरोध किया और ख्वाजा से शिकायत करी.ख्वाजा ने तब एक खादिम को सुराही भरकर पानी लाने को बोला.जैसे ही सुराही को पानी में डाला तभी दोनों झीलों का सारा पानी सुख गया. ख्वाजा फिर झील के पास गए और वहां स्थित मूर्ति को सजीव कर उससे कलमा पढवाया और उसका नाम सादी रख दिया.ख्वाजा के इस चमत्कार की सारे नगर में चर्चा फैल गयी. पृथ्वीराज चौहान ने अपने प्रधान मंत्री जयपाल को ख्वाजा को काबू करने के लिए भेजा. मंत्री जयपाल ने अपनी सारी कोशिश कर डाली पर असफल रहा और ख्वाजा नें उसकी सारी शक्तिओ को खत्म कर दिया. राजा पृथ्वीराज चौहान सहित सभी लोग ख्वाजा से क्षमा मांगने आये. काफी लोगो नें इस्लाम कबूल किया पर पृथ्वीराज चौहान ने इस्लाम कबूलने इंकार कर दिया. तब ख्वाजा नें भविष्यवाणी करी की पृथ्वी राज को जल्द ही बंदी बना कर इस्लामिक सेना के हवाले कर दिया जायेगा..(Ref- ali asghar chisti- jawahir-I faridi , Lahore 1884, pp.155-160 ) .बुद्धिमान पाठकगन स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं की इस प्रकार के करिश्मो को सुनकर कोई मुर्ख ही इन बातों पर विश्वास ला सकता हैं
निजामुद्दीन औलिया जिसकी दरगाह दिल्ली में स्थित हैं ने भी ख्वाजा का स्मरण करते हुए कुछ ऐसा ही लिखा हैं. उनका लिखना हैं की न चाहते हुए भी ख्वाजा की चमत्कारी शक्तियों के कारण पृथ्वीराज चौहान को ख्वाजा का अजमेर में रहना स्वीकार करना पड़ा. ख्वाजा का एक खादिम जो की मुस्लिम था से पृथ्वीराज किसी कारण से असंतुष्ट हो गया. तब ख्वाजा ने पृथ्वीराज को उस पर कृपा दृष्टि बनाये रखने के लिए कहा जिसे पृथ्वीराज ने मना कर दिया. इस पर ख्वाजा ने भविष्यवाणी कही की कुछ ही समय में पृथ्वीराज को पकड़ कर इस्लाम कि सेना के हवाले कर दिया जायेगा और कुछ समय बाद मुआम्मद गोरी ने आक्रमण कर पृथ्वीराज के राज्य का अंत कर दिया.(Ref- amir khwurd, siyaru’l – auliya, delhi,1885,pp.45-47)
भारत से सदा सदा के लिए हिन्दू वैदिक धर्म का राज्य मिताने वाले ख्वाजा गरीब नवाज़ कि दरगाह पर जाकर मन्नत मांगने वालों से , पूरे देश में स्थान स्थान पर बनी कब्रों पर हर वीरवार को जाकर मन्नत करने वालों से मेरे कुछ प्रश्न हैं-
१.क्या एक कब्र जिसमे मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चूँकि हैं वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती हैं?
२. सभी कब्र उन मुसलमानों की हैं जो हमारे पूर्वजो से लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजो का अपमान नहीं हैं जिन्होंने अपने प्राण धर्म रक्षा करते की बलि वेदी पर समर्पित कर दियें थे?
३. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्ण अथवा ३३ करोड़ देवी देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं जो मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक हैं?
४. जब गीता में श्री कृष्ण जी महाराज ने कहाँ हैं की कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों में दुआ मांगने से क्या हासिल होगा?
५. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरो की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करने वालो की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते हैं?
६. क्या संसार में इससे बड़ी मुर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता हैं?
७. हिन्दू जाति कौन सी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहीं हैं जो वेदों- उपनिषदों में कहीं नहीं गयीं हैं?
८. कब्र पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल और सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?
आशा हैं इस लेख को पढ़ कर आपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा . अगर आप आर्य राजा राम और कृष्ण जी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वास को छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनका अंध विश्वास दूर करे.
Source : http://agniveerfans.wordpress.com/2012/04/08/ajmer-2/

8 comments:

  1. अब तो जाग जाओ हिन्दुओं ................ फिर कब जागोगे , जब सरे देश में इन मुल्लों की कब्रें हो जाएँगी तब, या फिर जब सारे मंदिर नष्ट कर दिए जायेंगे इन इस्लामिक कुत्तों के द्वारा.................

    जय महाकाल ................................... जय श्री राम ...........

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  2. साले मुर्ख हिन्दू एक कटुए मुल्ले की पूजा करते है ।

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  3. really nice information salute sir,

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  4. मैं भी गया था बिते हुये कल को लेकर आज का सौहार्दपूर्ण वाता वरण को फिर दूषित करना उचित नही । अमन चैन यदि कायम होता है तो बिती को विसार दे ।

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  5. ये मुल्ले रात के अंधेरें मे धोके से ही हम्ला करते है,भारत देश से कोई मतलब नही है, 1947मैं अलग मुस्लिम राष्ट पाकिस्तान बनाने के बाद भी ये साले मुल्ले यहाँ भारत मे बगर मतलब के लिये थैडेही रुके हुये हैं! जबभी उनको मुल्लो को मैका मिलेगा ये भारत को फिर से गुलाम बनाने कि मुहँजोर कोशिस करेगें, हमारे भारत देशवसीऔ के पीठ मे छुरा घोपने की आदत जै ईनके गन्दे खून मे जो वन्सवाद पैदाईसी बह रहा हैं। ये अपने मुस्लीम धर्म के झूठे दुस्प्रचार करने जब्रन लोगों का धर्मनांतर करते है। (जयचंन्द) गांधी और नेहरू का पापों के कुक्रर्ममों का नतीजा है! ये अवसर वादीऔं मुल्ले जै पुरे भारत वर्ष को निगलना चहते है। आज भी ये मुल्ले भारत देश की पिठ मैं छुरा भोंकने के फिराक मे मौके तलाश रहें हैं।

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  6. कुत्ता था साला हरामी
    मैं नहीं मानता इस कुत्ते के लेख को
    साले जो गाय खा जाए वो कबसे पैगम्बर हो गए।
    राक्षस है हरामी की औलाद

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  7. Ans 1.allha isvar ek hai our vah jagh mozud hai- kabr me bhi our mandir me bhi Hawa me bhi pani me bhi .bas manne vala chaiye

    Ans 2.Aaj kee time me Bhai Bhai ko Mar raha hai beta baap ko Mar raha.tum kaha purvajo tak jate ho.

    Ans 3.isvaar kabi Sakti Hin Nahi hota hai vah hmesa see tha our hamesa rahega.par Ham likne Vale ek din jarur Sakti Hin ho jayege ...

    Ans4.Krishnji ne bilkul sahi kaha hai ..par tho log mandir our dargha me kyo jate hai .Kyo ki vaha Jana bhi ek karm karna hai...tho karm karoge tho fal milega...


    Ans5.itna padte ho par itna Nahi samj paye veer our allha ke fakir me fark hota hai ..Veer ko talvaar chaiye fakir khud talvaar hai unke labz hi hi kafi hote hai ...

    Ans6.murko se bhari padi hai ye duniya tabi tho .parmanu bam bana diya salo ne..manvata ka kya hoga....😭

    Ans7.bhai muslmano ki kabro ko puza Nahi hoti.jo Hindu jati dharm ko baat karta vah bhi kaha Hindu rah jata hai
    33karod hindu divi devatao main se ye kisi ne Nahi kaha Kisi dharm ka apman karna puniye ka kam hai .agr geeta Ramayana padi hoti Na tho samaj jata ye baat ..Bhai the Teri sanskart main tho parobal Nahi hai Hindi anuvaad tho samj me aatha hai vo pada kar

    Ans8. 😂😂Bhai main muslman jis par muje fakr hai.yar main bhi kabi kabi ramapeer(ramdev) ki majar par chala jata hu tho kya main bhi andere main hu.

    Par ye apna dharm Nahi sikata kya kare 😃

    Tum HINDU MUSLMAAN KARTE RAH JAOGE OUR MUJE THO PURI MANVTA PAR KAHTRA DIK RAHA HAI .IS LIYE SIKSHA KO BADAO OUR APNE PARIVAAR MAIN ACHHE SNSKAAR DO
    TAKI YE PARMANU BAMB PADE RAH JAYE
    Agr mere sbdo se Kisi ko kast huaa ho tho sama chahta hu..thanKs

    ..KAWAJA MERE KAWAJA DIL MAIN SAMAJA..

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